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सरकार ने तोड़ा नियम, प्रेसिडेंट से 1 लाख रु. ज्यादा कर दी अफसरों की बेसिक सैलरी

नई दिल्ली. 7th पे कमीशन की सिफारिशों को मंजूरी मिलने के बाद 2.50 लाख रुपए की मैक्सिमम सैलरी को लेकर कानूनी अड़चनें सामने आ गई हैं। कैबिनेट सेक्रेटरी और आर्मी चीफ जैसे हाई रैंक अफसरों को मिलने वाली ये बेसिक सैलरी प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी की बेसिक पे से 1 लाख रुपए ज्यादा हो गई है। जबकि नियम ये है कि किसी भी सरकारी अफसर की बेसिक पे प्रेसिडेंट से ज्यादा नहीं हो सकती। इस मामले में सिर्फ पीएसयू और ऑटोनोमस बॉडी के अफसरों को छूट मिली है। बता दें कि प्रेसिडेंट की मौजूदा बेसिक सैलरी 1.50 लाख रुपए है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रेसिडेंट से 1 लाख रुपए ज्यादा बेसिक सैलरी कैबिनेट सेक्रेटरी की हो गई है। मोदी, अलग-अलग राज्यों के सीएम-गवर्नर और सांसदों की बेसिक भी 2.50 लाख रुपए की इस मैक्सिमम सैलरी से काफी कम है। मामले को लेकर फाइनेंस सेक्रेटरी

अशोक लवासा ने कहा, 'हां, ऐसी बात तो सामने आई है। लेकिन मैं अभी इस पर कुछ नहीं कह सकता हूं।' कमीशन के चेयरमैन ने dainikbhaskar से बातचीत में मानी चूक...


- बता दें, मोदी सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को 7th पे कमीशन की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। इसके तहत सभी क्लास के इम्प्लॉइज की बेसिक सैलरी 2.57 गुना बढ़ेगी।
- मिनिमम बेसिक पे सात हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपए कर दी गई है। वहीं, मैक्सिमम बेसिक सैलरी को कैबिनेट सेक्रेटरी जैसी रैंक के अफसरों के मामले में 90 हजार से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया गया है।
- 7th पे कमीशन के चेयरमैन जस्टिस अशोक कुमार माथुर ने dainikbhaskar.comसे एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, ''वाकई कैबिनेट सेक्रेटरी की 2.50 लाख रुपए की बेसिक सैलरी प्रेसिडेंट से ज्यादा हो गई है। कानूनन ऐसा नहीं होना चाहिए। अब इस पर सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर हल निकाला जाएगा।''
- वहीं, कमीशन के एक अन्य बड़े अधिकारी का कहना है, ''हां, ऐसी चूक हुई है। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर सुधार करेंगे।''

WHAT NEXT

- सरकार के पास इसको सुधारने के अब दो रास्ते हैं।
- पहला:कैबिनेट सेक्रेटरी की सैलरी घटाकर प्रेसिडेंट की बेसिक पे से कम कर दी जाए। हालांकि, ऐसी संभावना कम है।
- दूसरा: प्रेसिडेंट की बेसिक सैलरी बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए से ज्यादा कर दी जाए और इसे 1 जनवरी 2016 की बैक डेट से लागू किया जाए। 
- सूत्रों के मुताबिक, सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर प्रेसिडेंट की बेसिक सैलरी को बढ़ाएगी, ताकि कानूनी उलझन से बचा जा सके।
- केंद्र के इम्प्लॉइज को नई सैलरी देने से पहले यह नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
- इस नोटिफिकेशन में प्रेसिडेंट के साथ-साथ पीएम की बेसिक सैलरी में भी बढ़ोत्तरी का एलान किया जा सकता है।

क्या है प्रेसिडेंट की सैलरी का नियम?

- लोकसभा के पूर्व सेक्रटरी जनरल और संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप नेdainikbhaskar.comको बताया, "प्रेसिडेंट देश के सर्वोच्च नागरिक हैं। नियम के मुताबिक, किसी भी गवर्नमेंट इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी प्रेसिडेंट से ज्यादा नहीं हो सकती है।"
- बता दें कि 7th पे कमीशन ने कैबिनेट सेक्रेटरी, कैग और आर्मी चीफ के बेसिक को 90 हजार से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए कर दिया है। यह प्रेसिडेंट के बेसिक पे से 1 लाख रुपए ज्यादा है। 
- इन सभी के ज्वाइनिंग लेटर पर प्रेसिडेंट की तरफ से अप्वाइंटमेंट की बात लिखी होती है। ऐसे अफसरों की बेसिक सैलरी इम्प्लॉयर से ज्यादा नहीं हो सकती है।
- 7th पे कमीशन की रिपोर्ट पर लिखी बुक के संपादक और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विराग गुप्ता ने कहा, 'जिन सरकारी ऑफिसर्स ने नियम के खिलाफ खुद की सैलरी राष्ट्रपति की बेसिक पे से ज्यादा कर ली हो..., उन पर हंसी आती है। क्या उन्हें कानून का ज्ञान नहीं है? पीएम और राज्यों के गवर्नर की सैलरी भी इनसे कम हाे गई। इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।'

मोदी की सैलरी भी है 90 हजार रुपए कम

- मोदी की मंथली बेसिक सैलरी 1.60 लाख रुपए है, जो अब कैबिनेट सेक्रेटरी को मिलने वाली बेसिक सैलरी से 90 हजार रुपए कम है।
- सांसदों को 1.40 लाख रुपए मंथली सैलरी मिलती है। इसमें 50 हजार रुपए बेसिक, 45-45 हजार रुपए ऑफिस-सेक्रेटरी अलाउंस और चुनाव क्षेत्र के भत्ते शामिल हैं। 
- बता दें, सांसद भी अपनी सैलरी दोगुनी करने की मांग कर रहे हैं।
70 साल में सबसे कम बढ़ोत्तरी, हड़ताल की तैयारी में 32 लाख इम्प्लॉई
- 7th पे कमीशन का फायदा सेंट्रल गवर्नमेंट के 47 लाख इम्प्लॉइज और 53 लाख पेंशनर्स को मिलेगा।
- इनमें से 32 लाख यानी 70% सरकार के इस एलान से नाराज हैं। उनका कहना है कि 14% सैलरी बढ़ाई जा रही है जो 70 साल में सबसे कम है।
- इन इम्प्लॉइज के ज्वाइंट काउंसिल एनजेसीए का कहना है, "ये अब तक का सबसे खराब पे कमीशन है। सरकार मिनिमम पे 18 हजार से बढ़ाकर 26 हजार करे। ऐसा नहीं हुआ तो 32 लाख इम्प्लॉई 11 जुलाई से हड़ताल पर जाएंगे।"
SOURCE - BHASKER

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